प्रिय पाठकों,
आपका स्वागत है हमारे नए ब्लॉग पोस्ट में। दोस्तों आज हम आपको Mahakaleshwar To Omkareshwar Distance की पूरी डिटेल गाइड बताएँगे जिससे आपकी यात्रा सुखद और आरामदायक हो। भारत में धार्मिक स्थलों का बहुत मान है। इन्ही धार्मिक स्थलों में 2 ऐसे ज्योतिर्लिंग है जो काफी नज़दीक है। तो चलिए आज की इस यात्रा के बारे में आपको विस्तार से बताएँगे।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन मध्यप्रदेश
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग {Mahakal Jyotirlinga} मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) नामक शहर में स्थित है। और यह ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में चौथा ज्योतिर्लिंग माना जाता है। भगवान महाकाल का यह ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है यानि इस ज्योतिर्लिंग को किसी ने स्थापित नहीं किया है बल्कि भगवान महाकाल उज्जैन की पावन नगरी में स्वयं प्रकट हुए है। पुराणों के अनुसार यह माना जाता है की बाबा महाकाल का जो भी व्यक्ति दर्शन कर लेता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन का इतिहास
उज्जैन नामक प्राचीन शहर में चन्द्रसेन नाम के राजा हुआ करते थे, और राजा चन्द्रसेन बहुत बड़े शिव भक्त थे। राजा के भक्ति भाव को देखकर एकदिन एक किसान का बेटा राजा चन्द्रसेन के साथ पूजा करना चाहता था लेकिन राजा के सैनिको ने उस किसान पुत्र को ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद वह बालक किसी जंगल में जाकर भगवान शिवकी भक्ति करने लगा।
इसी बिच उस बच्चे को यह अहसास हुआ की कोई दुश्मन राजा के ऊपर आक्रमण करने वाला है। तब उस बालक शिव भक्त ने यह बात वहा के पुजारी को बताता है और कानो कान यह खबर पुरे नगर में फ़ैल जाता है। तभी आक्रमणकारी दूषण नामक राक्षस के साथ उज्जैन नगरी पर आक्रमण कर दिया। दूषण एक ऐसा प्रतापी और शक्तिशाली राक्षस था उसे ब्रह्मा जी का वरदान था की वह किसी को दिखाई नहीं देगा। जिस समय उज्जैन पर हमला हुआ उस समय पूरी प्रजा शिव भक्ति में लींन थी।
तभी सभी प्रजा ने भगवान शिव को इस मुसीबत से लड़ने की प्रार्थना की, तभी भगवन शिव महाकाल के रूप में प्रकट हुए और राक्षस दूषण का वध कर दिया। तभी से भगवान शिव उज्जैन में लिंग के रूप में स्थापित हो गए। तभी से भगवान महाकाल की पूजा अर्चना होते आ रही है। हर दिन हजारो की संख्या में दर्शनार्थी भगवान महाकाल का दर्शन करते है।
कैसे पहुंचे उज्जैन महाकालेश्वर
महाकलेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंचने के लिए आप ट्रेन, सड़क, और हवाई मार्गो के द्वारा पहुंच सकते है।
How to Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga by Train
बात करे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की तो आप किसी भी शहर से ट्रैन द्वारा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंच सकते है। भारत के कई शहरो से उज्जैन के लिए ट्रैन उपलब्ध है। उज्जैन रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप किराये की बस या टैक्सी ले सकते है जिससे आपकी यात्रा आसान और सुखद हो जाएगी।
How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga by flight
भारत में किसी भी बड़े शहर से mahakaleshwar jyotirlinga उज्जैन पंहुचा जा सकता है। उज्जैन में अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट मौजूद है। यहाँ से आपको किराये पर लोकल बस या टैक्सी आसानी से मिल जाते है। उपयुक्त साधनो का उपयोग कर आसानी से mahakaleshwar jyotirlinga उज्जैन पहुंच सकते है।
How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga by Road
Mahakaleshwar Jyotirlinga पहुंचने के लिए आप अपनी कार या किराये की कार का उपयोग कर सकते है। और अगर आपको बस से यात्रा करनी है तो भारत के हर बड़े शहर से उज्जैन के लिए डायरेक्ट बस चलती है अतः इस संसाधनों का उपयोग कर आप बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंच सकते है.
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Mahakaleshwar to Omkareshwar distance
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन से ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने के लिए बस या टैक्सी द्वारा आप इस रूट को अपना कर आसानी से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकते है।
रूट
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन – जीवनखेड़ी – उज्जैन भोपाल हाइवे – नरवर – पालखंदा – उज्जैन काशीपुरा बाईपास – उज्जैन क्षिप्रा बाईपास – तुमनी – दकाच्चा – सिमरोल – मोरताक्का – ओम्कारेश्वर मोटाक्का मुंडी रोड – ओम्कारेश्वर बस स्टैंड – ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास
ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में चौथा ज्योतिर्लिंग माना जाता है और यह स्थान मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। इस स्थान को राजा मान्धाता की तपोभूमि माना जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव यहाँ प्रतिदिन शयन करने के लिए आते है। राजा मान्धाता के तप से प्रस्सन होकर भगवान शिव यहाँ प्रकट हुए थे और राजा मान्धाता को साक्षात् दर्शन दिए थे।
इस स्थान पर क्रमशः दो ज्योतिर्लिंग विराजमान है एक नर्मदा नदी के इस किनारे ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग और नर्मदा के उस किनारे अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग जिन्हे ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है।
दोनों स्थान पर जाने के लिए श्रद्धालु पुल अथवा नाव का प्रयोग करते है। ज्यादातर सैलानी नाव की यात्रा पसंद करते है क्योंकि नाव में बैठने के बाद यहाँ का नज़ारा ही कुछ और होता है। ऐसा लगता है मानो किसी स्वर्ग की यात्रा कर रहे है।
यात्रा की समाप्ति
यात्रा के दौरान ध्यान दें कि यहाँ के मार्ग अपने आप में सुंदर और पर्याप्त सुविधाओं से भरा हुआ हैं। अगर आप सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे है तो आपके साथ किसी अनुभवी ड्राइवर का होना आवश्यक है। ऐसे ड्राइवर का चुनाव करे जिसे स्थानीय मार्ग और रास्ते की अच्छी जानकारी हो।
महाकालेश्वर से ओमकारेश्वर [mahakaleshwar to omkareshwar distance] की यात्रा आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव होगा। इस यात्रा के दौर आपको मानिसक तथा बौद्धिक शांति मिलेगी जिससे आपका मन धर्म के प्रति और जागरूक होगा और इस अनुभव से आप अपने यार दोस्त को भी प्रेरित करेंगे। इस यात्रा के दौरान आपने तीन महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कर पाए है। हमें उम्मीद है इस यात्रा से भगवान शिव के प्रति भक्ति भावना बढ़ेगा।
इस पूरी यात्रा को आप अपने आप में एक अद्वितीय अनुभव मान सकते हैं, जो आपकी यात्रा को यादगार बना सकता है। इसलिए, यह यात्रा के सभी पहलुओं का आनंद लें और अपने अनुभव को साझा करने के लिए तैयार रहें। और जाते जाते हमारा यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके हमें अवश्य बताये और इस लेख को अपने मित्रो के साथ वासी शेयर करे। धन्यवाद!