Haridwar To Kedarnath Distance: बाबा केदारनाथ देवभूमि उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में स्थित है, बाबा केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे अध्भुत माने जाते है, और यही कारण है की लाखो की संख्या में प्रतिवर्ष देश के कोने कोने से यहाँ दर्शन करने आते है। और बाबा का यह धाम चार धाम यात्रा का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहाँ का मंदिर समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ों और नदियों की सुंदरता से घिरा हुआ है।
(Haridwar To Kedarnath Distance) हरिद्वार से केदारनाथ की यात्रा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक यात्रा के लिए भी महत्वपूर्ण है। हरिद्वार गंगा नदी के तट पर स्थित है और यह उत्तराखंड के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जाना जाता है।
इस ब्लॉग में हम (Haridwar To Kedarnath Distance) हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा की दूरी, यात्रा मार्ग, यात्रा के दौरान दर्शनीय स्थल, यात्रा के साधन, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को शामिल करेंगे।
केदारनाथ का धार्मिक महत्व
केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे पांडवों के समय का माना जाता है। महाभारत के युद्ध के बाद, पांडवों ने अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान शिव की आराधना की थी, और शिव जी ने उन्हें केदारनाथ में दर्शन दिए थे। इसलिए, यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, खासकर चारधाम यात्रा के दौरान।
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Haridwar To Kedarnath Distance
हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी
(Haridwar To Kedarnath Distance) हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी लगभग 239 किलोमीटर है। हालाँकि, यह यात्रा केवल सड़क मार्ग से ही पूरी नहीं की जा सकती, क्योंकि अंतिम 16-18 किलोमीटर की दूरी को पैदल चलकर या घोड़े, डंडी, कंडी, या हेलीकॉप्टर से तय करना होता है।
हरिद्वार से केदारनाथ तक का मार्ग
- हरिद्वार से ऋषिकेश: हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। यह मार्ग आप सड़क मार्ग से आसानी से तय कर सकते हैं। ऋषिकेश भी धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
- ऋषिकेश से देवप्रयाग: ऋषिकेश से देवप्रयाग की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है। देवप्रयाग वह स्थान है जहाँ अलकनंदा और भागीरथी नदियाँ मिलती हैं और गंगा नदी का उद्गम होता है।
- देवप्रयाग से रुद्रप्रयाग: देवप्रयाग से रुद्रप्रयाग की दूरी लगभग 66 किलोमीटर है। यह स्थल अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित है।
- रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी: रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है। गुप्तकाशी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहाँ के मंदिर भी दर्शनीय हैं।
- गुप्तकाशी से सोनप्रयाग: गुप्तकाशी से सोनप्रयाग की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। सोनप्रयाग वह स्थान है जहाँ से केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती है।
- सोनप्रयाग से गौरीकुंड: सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है। गौरीकुंड से ही पैदल यात्रा शुरू होती है। यहाँ से केदारनाथ तक की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है।
केदारनाथ तक पहुँचने के साधन
- निजी वाहन या टैक्सी: आप हरिद्वार से सोनप्रयाग तक निजी वाहन या टैक्सी से यात्रा कर सकते हैं। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सरकारी जीप या टैक्सी से पहुँचा जा सकता है, जो केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर है।
- बस सेवा: उत्तराखंड परिवहन निगम की बस सेवाएँ हरिद्वार से गुप्तकाशी और सोनप्रयाग तक उपलब्ध हैं। यह किफायती यात्रा का साधन हो सकता है।
- हेलीकॉप्टर सेवा: यदि आप पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं या समय की कमी है, तो सोनप्रयाग या फाटा से हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर सकते हैं, जो सीधे केदारनाथ पहुँचाती है।
- पैदल यात्रा: गौरीकुंड से केदारनाथ तक की दूरी पैदल तय करनी होती है। यह यात्रा लगभग 16-18 किलोमीटर की होती है और इसमें 6 से 8 घंटे का समय लगता है। यात्रा के दौरान आपको ऊँचाई पर कठिनाई हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।
केदारनाथ यात्रा के दौरान दर्शनीय स्थल
- वसुधारा जलप्रपात: यह केदारनाथ के पास स्थित एक अद्भुत जलप्रपात है, जो 400 फीट की ऊँचाई से गिरता है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
- भैरव मंदिर: यह मंदिर केदारनाथ मंदिर के पास स्थित है और इसे केदारनाथ धाम का संरक्षक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान भैरव इस क्षेत्र की रक्षा करते हैं।
- गौरीकुंड: यह एक पवित्र कुंड है जहाँ देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी। यहाँ गर्म पानी का प्राकृतिक कुंड भी है।
यात्रा के दौरान निम्लिखित बातों का ध्यान जरूर रखे
- मौसम के अनुसार तैयारी: केदारनाथ का मौसम बहुत ठंडा और अप्रत्याशित हो सकता है। यहाँ गर्म कपड़े और आवश्यक दवाइयाँ साथ रखें।
- स्वास्थ्य का ध्यान रखें: ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार यात्रा की योजना बनाएं।
- अग्रिम बुकिंग: केदारनाथ यात्रा के दौरान होटल और धर्मशाला की अग्रिम बुकिंग करें, क्योंकि यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण रुकने की व्यवस्था मिलना कठिन हो सकता है।
- आवश्यक दस्तावेज़: यात्रा के दौरान आपके पास आवश्यक पहचान पत्र और मेडिकल किट होनी चाहिए।
समापन
(Haridwar To Kedarnath Distance)
हरिद्वार से केदारनाथ की यात्रा आध्यात्मिकता और साहसिकता का अनूठा मिश्रण है। भगवान शिव की पवित्र भूमि में दर्शन करना एक अद्भुत अनुभव होता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रकृति के अद्भुत नज़ारों और शांत वातावरण का आनंद लेने का भी एक उत्तम अवसर प्रदान करती है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी कितनी है?
Haridwar To Kedarnath Distance- हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी लगभग 239 किलोमीटर है।
2. हरिद्वार से केदारनाथ पहुँचने में कितना समय लगता है?
हरिद्वार से सोनप्रयाग तक पहुँचने में लगभग 8 से 10 घंटे का समय लगता है, और फिर सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक और वहाँ से 16-18 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी होती है।
3. क्या हरिद्वार से केदारनाथ के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं?
हाँ, उत्तराखंड परिवहन निगम की बस सेवाएँ हरिद्वार से गुप्तकाशी और सोनप्रयाग तक उपलब्ध हैं।
4. केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कैसे कर सकते हैं?
आप सोनप्रयाग, फाटा या गुप्तकाशी से हेलीकॉप्टर सेवा बुक कर सकते हैं, जो आपको केदारनाथ तक ले जाएगी। यह सेवा खासकर उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो पैदल यात्रा नहीं कर सकते।
5. केदारनाथ यात्रा का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
केदारनाथ यात्रा का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर के बीच होता है, जब मौसम अनुकूल होता है और मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
6. केदारनाथ तक की पैदल यात्रा कितनी कठिन होती है?
केदारनाथ तक की पैदल यात्रा कठिन हो सकती है, क्योंकि यह ऊँचाई पर स्थित है और 16-18 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। यात्रा के लिए अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है।
7. केदारनाथ मंदिर कब खुलता और बंद होता है?
केदारनाथ मंदिर हर साल अप्रैल/मई में अक्षय तृतीया के दिन खुलता है और नवंबर (November) में कार्तिक पूर्णिमा पर बंद होता है।